परागण में तितलियों की मुख्य भूमिका
परागण पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण अंग है जो तितलियों के सहयोग से किया जाता है। लगभग 90 प्रतिशत फूलों के पौधे और 35 प्रतिशत फसलें, पशु परागण पर निर्भर करती हैं। इनके द्वारा मधुमक्खियों, मक्खियों और भृंग जैसे परागणकों को भी संवर्धन एवं विकास का अवसर मिलता है। तितलियां विलुप्त हो गईं तो चॉकलेट, सेब, कॉफी और अन्य खाद्य पदार्थों का आनंद नहीं ले सकेंगे। वहीं हमारे दैनिक अस्तित्व में जिसका महत्वपूर्ण असर पड़ेगा क्योंकि दुनियाभर में लगभग 75 प्रतिशत खाद्य फसलें इन परागणकर्ताओं पर निर्भर करती है।